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हिन्दी दिवस प्रतियोगिता भाग 7( दिल की शान्ति ) लेखनी कहानी -01-Sep-2022

शीर्षक :-दिल की शान्ति
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दिल की शान्ति अगर तुम चाहते हो।
मन शान्त रखना अगर तुम चाहते हो।।
कभी किसी गरीब का दिल मत दुखाना।
कभी  किसी दीन दुःखी को मत रुलाना।।
दीन दुःखी खुश होकर जो दुआए देता है।
दीन दुःखियौ की सेवा फल  ईश्वर देता है।।
उनकी दुआऔ का फल अवश्य मिलता है।
दुआऔ का पुष्प इस बगियां मे खिलता है।।

हिन्दी दिवस की प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "

07/09/2022



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4 Comments

बहुत ही उम्दा सृजन,,, दुआएं,,, दुखियों,,, दुआओं,,, बगिया not बगियां,,,, आदि शब्द सही करें

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Raziya bano

11-Sep-2022 07:26 PM

Shaandar

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Supriya Pathak

09-Sep-2022 12:06 AM

Achha likha hai 💐

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